वाराणसी, मई 29 -- वाराणसी, हिटी। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) भावना भारती की अदालत में ज्ञानवापी के 1991 के मूल वाद में तीन बहनों की ओर से दाखिल पक्षकार की अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई हुई। वादमित्र की बहस पूरी होने के बाद अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी एवं सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से बहस की गई। अंजुमन की ओर से अधिवक्ता मो. मुमताज अहमद, रईस अहमद अंसारी एवं अखलाख अहमद ने कोर्ट को बताया कि सारी विधिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद वादमित्र नियुक्त किया गया है। सुनवाई भी सुचारू रूप से चल रही है। वादी हरिहर पांडेय की मृत्यु के बाद उनकी पुत्रियों की वरासत वाली अर्जी पहले ही निस्तारित की जा चुकी है। जिसमें उनकी मांग को अदालत ने खारिज कर दिया था। अब पक्षकार बनने के लिए अर्जी डालकर केवल मुकदमे को विलंबित करने का प्रयास किया जा रहा है। अत...