धराली | विनोद मुसान, नवम्बर 24 -- उत्तरकाशी के में खीर गंगा से आई तबाही को तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन आपदा प्रभावितों का संघर्ष अब भी जारी है। प्रभावितों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से दिया गया पांच लाख रुपये का मुआवजा विनाश के पैमाने को देखते हुए नाकाफी है। उन्होंने उसी स्थान पर निर्माण के बजाय सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की मांग की है। ग्रामीणों ने प्रशासन को वन विभाग की भूमि सहित छह संभावित स्थलों की सूची सौंपी है। इसमें भैरोघाटी, कोपांग, जांगला, डबरानी, ओंगी और अखोद थातर को विकल्प के तौर पर सुझाया है। प्रभावितों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से अब तक पुनर्वास के कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। हालात न सुधरे तो विरोध-प्रदर्शन करेंगे। इस बारे में सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि धराली में पीडीएनए का काम पूरा हो चुका है...