मुंबई, सितम्बर 8 -- मुंबई की शान लालबागचा राजा का विसर्जन 13 घंटे की देरी से हुआ, जिससे सनातन परंपराएं टूट गईं और भक्तों में निराशा फैल गई। गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक शुभ मुहूर्त का ध्यान रखा जाता है, लेकिन इस साल यह परंपरा टूट गई। अनंत चतुर्दशी के अगले दिन दोपहर तक भी लालबागचा राजा का विसर्जन नहीं हो सका। गणपति की मूर्ति गिरगांव चौपाटी पर फंसी रही, और विसर्जन के लिए बार-बार कोशिशें की गईं। देरी का कारण राफ्ट की ऊंचाई बताया गया।36 घंटों से ज्यादा समय लगा लालबागचा राजा के इतिहास में पहली बार विसर्जन में 36 घंटे से ज्यादा समय लगा। 7 सितंबर को रात करीब 10:30 बजे, जब समुद्र का जलस्तर कम हुआ, तब मूर्ति का विसर्जन हो सका। उच्च ज्वार के कारण मूर्ति गिरगांव चौपाटी पर फंस गई थी। रविवार सुबह 8 बजे लालबागचा राजा चौपाटी पहुंचे थे, और डेढ़ ...