मुंगेर, अगस्त 8 -- मुंगेर, निज प्रतिनिधि। हेहो बाबू तीन दिन स सूखल चूरा मूढ़ी फांक के समय बीताय रहल छिये हो, कोय देखै वाला नै छै हो, घर आंगन में बाढ़ के पानी रहला से छोटा-छोटा बच्चा और घर परिवार काफी मुश्किल में छै हो, यह व्यथा जाफरनगर पंचायत के सीताचरण की बुजुर्ग महिला सुशीला देवी एवं मीना देवी की है। बबुआ घाट पर पिछले दो दिनों से शरण लिये इन लोगों के समक्ष कई समस्याएं हैं। भोजन, पशु चारा के साथ ही शुद्ध पानी, शौचालय आदि की बड़ी समस्याएं हैं। इन लोगों का कहना है कि वे लोग पिछले तीन दिनों से बबुआ घाट पर खुले आसमान के नीचे खुद व पशुओं के साथ शरण लिये हुए हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई सहायता नहीं मिली है। डेंजर लाइन से 12 सेंटीमीटर अधिक बह रही गंगा: गौरतलब है कि बाढ़ की विभिषिका से जिले के 24 हजार से भी अधिक लोग प्रभावित है। गुरुवार की ...