अहमदाबाद, मार्च 7 -- गुजरात हाईकोर्ट में एक 85 साल के बुजुर्ग ने अपने बेटे को दी गई संपत्ति को रद्द करने की याचिका दाखिल की है। बुजुर्ग ने अपना मकान अपने एक बेटे को उपहार में दिया था। याचिकाकर्ता नटवरलाल फिचड़िया का आरोप है कि गिफ्ट डीड (उपहार दस्तावेज) तैयार करने के बाद बेटे और बहू ने उसके साथ बुरा व्यवहार करना शुरू कर दिया। याचिकाकर्ता राज्य कृषि विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं और अपने राजकोट स्थित घर के एक कमरे से प्राकृतिक चिकित्सा सेवाएं देते हैं, जिसे उसने कोविड संक्रमण के दौरान अपने बेटे को उपहार में दिया था। उसके चार बच्चे हैं- दो बेटे और दो बेटियां। जबकि उसके बेटे अलग-अलग फ्लैटों में रहते हैं, याचिकाकर्ता घर के एक कमरे में रहते हैं जहां से वह अपना प्राकृतिक चिकित्सा क्लिनिक चलाते हैं। चूंकि 1991 में खरीदा गया घर उनके और उनकी पत...