मोतिहारी, जुलाई 6 -- पताही। पताही प्रखंड की पदुमकेर पंचायत में सैकड़ों वर्षो से साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल आज भी क़ायम है। यहां मोहर्रम जुलूस हिंदू परिवार द्वारा पहले निकाला जाता है। उसके बाद ही मुस्लिम समुदाय के लोग जुलूस निकालते हैं। मोहर्रम जुलुस की पुरानी परम्परा पदुमकेर गांव के शिव शंकर सिंह के पूर्वज के समय से ही यहां मोहर्रम जुलूस निकालने की परम्परा रही है। वर्षो से चल रही परंपरा को देखते हुए तत्कालीन अंग्रेजी हुकूमत ने गदीवाल के रूप में इस हिंदू परिवार के नाम ताजिया जुलूस निकालने का लाइसेंस निर्गत किया था। आज भी उनके परिवार के लोग खुद अपने हाथों से ताजिया निर्माण करते हैं और अपने कंधे पर उठाकर गांव भ्रमण करते हुए क़र्बला तक ले जाते हैं। साथ ही मुस्लिमों के साथ लाठी डंडा भी खेलते हैं। पूर्व सरपंच तथा वर्तमान सरपंच पति शिव शंक...
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