संतकबीरनगर, अगस्त 15 -- मेंहदावल, राजीव मिश्र। मेंहदावल क्षेत्र के रक्सा ग्राम निवासी मिश्र बंधुओं में देश को आजाद कराने का दीवानगी ने एक ऐसा ने जुनून पैदा हुआ कि अंग्रेजों के होश उड़ गए थे। देश को आजाद कराने का जुनून उनके सिर चढ़कर बोलता था। उनके वीरता-कौशलों की गाथाएं लोगों में आज भी देश के प्रति कुछ कर गुजरने का जज्बा पैदा करती हैं। मेंहदावल क्षेत्र के ग्राम रक्सा निवासी पं पाटेश्वरी प्रसाद मिश्र के 6 पुत्र थे। इसमें लालसा प्रसाद मिश्र सबसे बड़े थे। उन्होंने 14 वर्ष की उम्र से ही आजादी आंदोलन में अपनी सहभागिता करनी शुरू कर दी थी। अंग्रेजी शासन के मुख्य स्तंभ रहे राजा चंगेरा के खिलाफ वर्ष 1930 में विद्रोह का बिगुल फूंक मिश्र बंधु चर्चा में आए। बांसी स्थित उनके महल के सामने हुए विद्रोह के प्रतिफल में सभी को कठोर यातनाएं भी सहनी पड़ी थी। बंधु...
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