लखनऊ, जून 4 -- राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं स्वावलंबन की राह पर तेजी से बढ़ रहीं हैं। मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियों की मदद से अब तक 33 हजार महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में पहुंच गई हैं। यह प्रतिदिन 7.10 लाख लीटर दूध का संग्रह कर रही हैं। जिसे कंपनियां बाजार में बेच रहीं हैं। इस संगठित व्यवस्था से महिलाओं की आमदनी में बढ़ोत्तरी हो रही है। अब आने वाले वर्षों में और अधिक ग्राम पंचायतों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। राज्य आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन के मुताबिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को मिशन के तहत गठित पांच मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियों ने दुग्ध कंपनियों ने दुग्ध के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता अर्जित की है। मिल्क वैल्यू चेन के अंतर्गत बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी बुंदेलखंड क्षेत्र,सामर्थ्य मि...