मधुबनी, अप्रैल 6 -- मधुबनी। मिथिला की महिमा पूरे विश्व में विख्यात है। जिस प्रभु श्रीराम को बुलाने के लिए लोग इतना जप, तप, योग, ध्यान और भजन-कीर्तन करते हैं वे मिथिला में पाहुन बनकर आये। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। ये बातें स्थानीय टाउन क्लब मैदान में मिथिलांचल हरिनाम सत्संग के 80 वें अधिवेशन के पांचवें दिन शनिवार को बैद्यनाथधाम झारखंड से पहुंची ख्यातिप्राप्त मानसयुक्ता यशोमति ने कही। कहा कि मिथिला की भूमि प्रेम, त्याग और ज्ञान की भूमि है। ज्ञान की इस भूमि पर मधुबनी में 80 वर्षों से संत सम्मेलन का आयोजन कोई छोटी बात नहीं है। यहां के लोगों में सत्संग का एक संस्कार है। जो अनादिकाल से चलता आ रहा है। तभी को हर साल होली के बाद टाउन क्लब मैदान में श्रद्धालु भक्त संत महात्माओं को सुनने पहुंचते हैं। मौके पर महंत आचार्य रामानंद दास, तुलसी पीठाधी...