मधुबनी, जुलाई 15 -- मधेपुर। मिथिला अपनी अप्रतिम पर्व-त्योहार व पुनीत परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। इसी कड़ी में मंगलवार 15 जुलाई को मौना(नाग) पंचमी है। इस अवसर पर सुहाग की रक्षा व घरों में सर्पभय से मुक्ति के लिए नाग-नागिन की पूजा की जाती है। नाग-नागिन को दूध-लावा चढ़ाकर परिवार के लिए मंगलकामना की जाती है। मौना पंचमी दिन से अगले 15 दिनों तक नाग देवता की पूजा की जाएगी। हालांकि, मिथिला में पर्व-त्योहारों की वैदिक काल से ही परंपरा रही है, लेकिन मौना पंचमी दिन से ही नवविवाहित बालाओं का प्रमुख पर्व मधुश्रावणी की शुरुआत होती है। जो इस बार 13 दिनों तक चलेगी। इसके अलावे नागपंचमी पर भोलेनाथ का रूद्राभिषेक करने की भी परंपरा है। संस्कृत साहित्य के विद्वान डॉ रामसेवक झा एवं पंडित रमण जी झा बताते हैं कि मौना पंचमी के मौके पर नाग देवता की पूजा के बाद शाम मे...