बहराइच, मई 20 -- चर्दा संवाददाता। सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत प्रसिद्ध स्थल मंडावा पर चल रही भागवत कथामहापुराण कथा के सातवें दिन अयोध्या धाम से आए कथा वाचक व्यास पीठाधीश्वर पंडित आचार्य मृदुल महाराज ने भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की कथा का वर्णन किया। भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए महाराज ने कहा कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं। कथा की आरती मुख्य केश रानी यादव ने उतारी। उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र सखा से सुदामा मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे थे। सुदामा द्वारकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढने. लगे तब द्वार पर खड़े द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं, इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आ...