सासाराम, मार्च 1 -- अकोढ़ीगोला, एक संवाददाता। मित्रता में अमीरी व गरीबी नहीं देखी जाती है। जब भगवान कृष्ण को राजमहल के बाहर उनके मित्र सुदामा की आने की खबर लगी, तब वे नंगे पांव दौड़ते हुए सुदामा के पास पहुंचे। गले लगकर ऐसे मिले जैसे वे कई जन्मों के बाद मिले हों। हमें भी भगवान से ऐसे ही मित्रवत प्रेम करना चाहिए।

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