मुजफ्फरपुर, दिसम्बर 25 -- मुजफ्फरपुर। कबड्डी ने आज मिट्टी से मैट तक का सफर तय कर लिया है, लेकिन जिले के खिलाड़ी पीछे रह गए हैं। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का माद्दा रखने वाले खिलाड़ी संसाधन और प्रोत्साहन के अभाव में पिछड़ रहे हैं। मुजफ्फरपुर खेल भवन के दोनों तलों पर इनडोर सिंथेटिक मैदान होने के बावजूद खिलाड़ी ऊबड़-खाबड़ कंकड़ीले मैदान पर लहूलुहान हो रहे हैं, क्योंकि यहां प्रैक्टिस और मैच के लिए तीन हजार रुपया भाड़ा मांगा जाता है। खिलाड़ियों का कहना है कि कोचिंग, आर्थिक सहयोग, नियमित प्रतियोगिता और संस्थागत मदद नहीं मिल पाने से प्रतिभावान खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रहे हैं। इन्हें एक ऐसी बोनस लाइन (विशेष रेखा पार करने पर अतिरिक्त अंक) की जरूरत है, जो इनको पेशेवर खिलाड़ी के रूप में आजीविका से जोड़ सके। कबड्डी में प्रतिभावान ख...
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