लोहरदगा, मार्च 3 -- लोहरदगा, संवाददाता। खिदमते खल्क हाजी कमेटी किस्को लोहरदगा के सरपरस्त शमसुद्दीन अंसारी ने माह ए रमजान की फ़ज़ीलत बयान करते हुए कहा कि माह-ए- रमजान में एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब मिलता है। रमज और जान से बना है रमजान, रमज के मायने होता है जलाना और जान के मायने होता है गुनाह यानी रमजान के मायने हुआ गुनाहों को जला डालना। वैसे भी रोजे की हालत में भूख प्यास की शिद्दत पर सब्र करना पड़ता है ईमान वालों पर रोजा फर्ज किया गया है इसके 3 अशरे है पहला अशरा रहमत का होता है, दूसरा अशरा मगफिरत यानी गुनाहों की माफी का होता है और तीसरा अशरा जहन्नुम की आग से खुद को बचाने के लिए होता है। रमजान का फज़ीलत है कि किसी मलादार को रोजे की हालात में भूखे प्यासे ग़रीबों का अहसास होता है और अमीरों के दिलों में गरीबों के प्रति हमदर्दी बढ़ती है उ...