संतकबीरनगर, मार्च 17 -- लोहरौली, हिन्दुस्तान संवाद। माह-ए-रमजान का पूरा महीना समाजिकता, मानवता एक दूसरे के प्रति प्रेम की भावना को आईना दिखाता है। रमजान का तीसो रोजा अलग-अलग सीख देता है। रोजा रखने से रोजेदारों को कई बीमारियों से छुटकारा भी मिलता है। इस माह में सदका, खैरात व जकात माध्यम से गरीबों में खुशियां- खुशियां आती है। वर्ष भर की बचत का ढाई प्रतिशत गरीबों का हक है। रमजानुल मुबारक में अधिक से अधिक जकात निकालकर गरीबों में भी खुशियां बांटें। सेमरियावां के इस्लामाबाद स्थित मदनी मस्जिद के इमाम हाफिज निसारुद्दीन ने नमाज जोहर के बाद अपने सम्बोधन में कहाकि इस्लाम धर्म में जकात तीसरे सबसे मजबूत स्तम्भ हैं। जकात के अदायगी का जिक्र कुरान पाक में 82 मर्तबा अल्लाह पाक ने किया है। माह −ए −रमाजान में हर साहबे- नेसाब महिला व पुरुष पर जकात फर्ज है। ध...