बक्सर, मार्च 3 -- पवित्र माह हुजूर साहब ने सहरी में मीठी चीजें खाने को बताई थी अहमियत सहरी के वक्त काफिले वाले रोजेदारों को करते हैं नींद से बेदार बक्सर, निज प्रतिनिधि। रमजानुल मुबारक के पाक महीनें में सहरी की बहुत बड़ी फजीलत है। अहले सुबह फज्र की आजान व रोजा की नियत से पहले रोजेदारों द्वारा जो हल्का नाश्ता किया जाता है, उसे ही सहरी कहा जाता है। रोजेदारों के द्वारा सहरी खाना सुन्नत है। इस दुनिया में जितने भी नबी-ए-करीम तशरीफ फरमाए, सबों पर रोजा किसी न किसी शक्ल में फर्ज था। सभी ने सहरी की परंपरा का निर्वहन किया। हजरत मोहम्मद साहब अपने जमाने में रोजा रखा करते थे, तो उस वक्त सहरी में कुछ मीठी चीजें खाने की अहमियत बतायी थी। जिसका अमल आज भी रोजेदार करते हैं। तरावीह की नमाज खत्म होने के बाद रोजेदारों को खा-पीकर सोने में लगभग ग्यारह रात बज जाते...
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