शामली, मार्च 8 -- माहे रमजान के छठे दिन पहले जुमे की नमाज जिलेभर की मस्जिदों में अदा कराई गई। जुमे की नमाज अदा कर अकीदतमंदों ने खुदा से देश में अमन चैन की दुआ मांगी। खुतबे से पहले मस्जिद में ब्यान करते हुए मौलाना शौकीन ने कहा कि यह अशरा रहमत का है। दूसरा मगफिरत का है और तीसरा अशरा जहान्नुम से आजादी का है। रोजा रखने के बाद पूरे जिस्म का रोजा होता है। इसलिए आंखों, काान, जबान और हाथों की हिफाजत की जाये। शुक्रवार को जुमे की नमाज से पहले ब्यान करते हुए शाही जामा मस्जिद में मौलाना शौकीन ने कहा कि अल्लाह तआ़ला ग़लत बात को पसंद नहीं फ़रमाते। मगर अगर कोई मज़लूम अपने ऊपर किए जाने वाले ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाए तो उसे ऐसा करने की इजाज़त है। सच्चे मोमिनों का काम यह होता है कि वो अल्लाह और उसके रसूल के तमाम एह़काम को मानते हैं और अल्लाह के तमाम रसूलों को प...
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