रिषिकेष, मई 28 -- परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि धर्म का उद्देश्य है जागरूकता, करुणा और समरसता है। यदि मासिक धर्म के विषय पर चुप्पी समाज को पीड़ा दे रही है, तो धर्म की जिम्मेदारी है कि वह समाज को इस पीड़ा से मुक्त करे। उन्होंने सभी धर्मगुरुओं, शिक्षकों, अभिभावकों और युवाओं से मासिक धर्म को लेकर जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। बुधवार को परमार्थ निकेतन में चल रही मासिक श्रीराम कथा में पहुंचे बालिकाओं के ग्रुप और महिलाओं को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर जागरूक किया गया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि मासिक धर्म शर्म का नहीं, सृजन का विषय है। यह नारी के भीतर छुपी प्रकृति की रचनात्मक शक्ति का प्रतीक है। जहां श्रीराम कथा के माध्यम से हम मर्यादा, सेवा, प्रेम और समर्पण का पाठ पढ़ते हैं, वहीं हमें समाज में व्याप्त मा...