नई दिल्ली, नवम्बर 12 -- सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने देश भर के संस्थानों में महिलाओं की 'गरिमा, निजता और शारीरिक स्वायत्तता के व्यापक उल्लंघन' के खिलाफ तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान उनकी निजता और गरिमा को ठेस पहुंचाने के विभिन्न मामलों का हवाला देते हुए महिलाओं की निजता की रक्षा के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है। यह याचिका महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में हुई एक हालिया घटना पर प्रकाश डालती है, जहाँ तीन महिला सफाई कर्मचारियों को कथित तौर पर यह साबित करने के लिए अपने सैनिटरी पैड की तस्वीरें भेजने के लिए मजबूर किया गया था कि वे मासिक धर्म से गुजर रही हैं।AOR प्रज्ञा बघेल की याचिका एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड प्रज्ञा बघेल के मा...