नई दिल्ली, अगस्त 26 -- सरकार संवैधानिक नियोक्ता है और वह आउटसोर्सिंग पर लोगों को नौकरी पर रखकर शोषण नहीं कर सकती। सुप्रीम कोर्ट ने लंबे समय तक एडहॉक पर रखने के बाद कर्मचारियों को नियमित रोजगार न देने और आर्थिक तंगी का हवाला देने पर यह बात कही। बेंच ने ऐतिहासिक निर्णय में स्पष्ट किया कि सार्वजनिक संस्थान वित्तीय तंगी या रिक्तियों की कमी जैसे बहाने बनाकर लंबे समय से काम कर रहे अस्थायी कर्मचारियों को नियमितीकरण और वेतन में समानता से वंचित नहीं कर सकते। यह फैसला जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों द्वारा दायर अपील पर सुनाया। इन कर्मचारियों का कहना था कि हम सालों से काम कर रहे हैं, लेकिन हमें नियमित करने से सरकार ने इनकार कर दिया है। इसके अलावा वेतन भी हमें बहुत कम मिल रह...