चंदौली, मार्च 18 -- धीना, हिन्दुस्तान संवाद। कंदवा स्थित शिव मंदिर परिसर में चल रही तीन दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के दूसरे दिन सोमवार को वाराणसी से पधारे कथावाचक डॉ बृजेश मणि पाण्डेय ने लक्ष्मण मेघनाद युद्ध के प्रसंग का वर्णन किया। इसमें माया से दूर रहने को सरल उपाय ईश्वर की भक्ति करने का बताया गया। उन्होंने कहा कि युद्ध में अंततः मेघनाद के द्वारा वीर घातिनी नामक शक्ति का प्रयोग किया जाता है। इससे वीरवर लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। जामवंत के कहने पर हनुमान जी संजीवनी बूटी लाते है। संजीवनी में तीन तरह की औषधियां होती हैं शल्य करणी, विसल्य करणी, अमृत करणी तीनों औषधियों का अलग-अलग अपना कार्य है। परिणाम स्वरूप लक्ष्मण स्वस्थ होने पर राम दल हर्षित हो जाता है। यह कथा का बाह्य स्वरूप है वस्तुत: कथा का आध्यात्मिक तथ्य यह है कि लक्ष्मण वैराग्य के...
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