मेरठ, मार्च 5 -- मेरठ। चिन्मय मिशन के तत्वाधान में साकेत स्थित शिव मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन कथाव्यास स्वामी अद्वैतानंद सरस्वती ने कथा सुनाते हुए कहा कि माया के कारण ही मनुष्य सांसारिक बंधन में है। माया त्रिगुणात्मका है। इसमें तीनों गुण हैं सात्विक, राजसिक और तामसिक। मनुष्य में यह तीनों गुण अलग-अलग अनुपात में होते हैं। किसी व्यक्ति में इनमें से जिस भी गुण की अधिकता होती है उसे वैसा ही माना जाता है, जैसे सत्तव गुण की अधिकता वाले मनुष्य को स्वाभाविक सामान भगवान की पूजा पाठ नाम जप आदि में भोर रहता है। वहीं रजोगुण की अधिकता में काम, क्रोध और अधिक से अधिक क्रियाशीलता रहती है जबकि तमोगुण की अधिकता में मनुष्य में आलस्य, अकर्मान्यता आदि अधिक पाए जाते हैं। कार्यक्रम में योगेश, सोमी टंडन, डॉ. अर्चना सिंह, श्याम सुंदर, जीके बंसल आदि क...