फतेहपुर, नवम्बर 3 -- अमौली। बुढ़वा के ब्रह्मदेव आश्रम में चल रहे धर्म संस्कार महोत्सव के छठवें दिन सोमवार को श्रीविष्णु महायज्ञ में 20 बटुकों के उपनयन संस्कार सम्पन्न हुए। आचार्यों की टीम ने वैदिक विधि विधान से बटुकों का उपनयन, वेदारंभ, केशान्त, समावर्तन संस्कार संपादित कराया। बाद में काशी गमन की रस्म पूरी कराई गई। बटुकों के मान्य व आचार्यों ने गायत्री मंत्र की दीक्षा प्रदान किया। यज्ञाचार्य विमल शास्त्री ने ब्रम्हचारी के नियमों को बताते हुए गुरु, माता, पिता और बुजुर्गों को प्रणाम करने की शिक्षा दिया। गायत्री मंत्र को कामधेनु बताया। जिससे जीवन की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। संस्कारों से चरित्र का निर्माण होता है और चरित्र से ही व्यक्ति महान बनता है। दीक्षा प्राप्त कर यज्ञोपवीत धारण करने के बाद बटुकों को माताओं बहनों ने भिक्षा प्रदान किया...