नई दिल्ली, सितम्बर 8 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से अपनी उस याचिका को वापस ले ली, जिसमें उन्होंने ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ 25 साल दाखिल मानहानि के मामले में एक अतिरिक्त गवाह को अदालत बुलाने और जिरह की अनुमति मांगी थी। उन्होंने अपनी याचिका वापस लेने का निर्णय तब लिया, जब शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पारित फैसले में किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं है। जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ संक्षिप्त सुनवाई के बाद पाटकर को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। साथ ही, याचिका को वापस मानते हुए खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप की कोई आवश्य...