नई दिल्ली, जुलाई 29 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को मानहानि मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा और दोषसिद्धि को बरकरार रखा है। उनके खिलाफ उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 23 साल पहले मानहानि की शिकायत दायर की थी। न्यायमूर्ति शालिंदर कौर की पीठ ने कहा कि निचली अदालत का आदेश कानूनी रूप से उचित है और उसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि रिकार्ड का अवलोकन करने के बाद अदालत ने पाया कि आदेश में कोई गैरकानूनी या प्रक्रिया संबंधी त्रुटि नहीं है। इसलिए अपील खारिज की जाती है। यह मामला वर्ष 2000 का है। जब वीके सक्सेना गुजरात में एक गैर-सरकारी संगठन प्रमुख थे। उन्होंने मेधा पाटकर के खिलाफ एक प्रेस विज्ञप्ति को लेकर मानहानि का केस दर्ज कराया था...
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