लखनऊ, नवम्बर 7 -- एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम आलोक वर्मा ने पूर्व मंत्री आजम खान को सरकारी लेटर पैड और मुहर का गलत इस्तेमाल कर वैमनस्यता फैलाने और अपमानित करने के आरोपों से मुक्त करार दिया है। विधिक बिंदुों और साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया। विशेष अदालत ने आजम खान को दोषमुक्त करते हुए अपने विस्तृत निर्णय में कहा है कि बचाव पक्ष का यह कथन स्वीकार करने योग्य है कि घटना वर्ष 2014 की बताई जाती है लेकिन रिपोर्ट 2019 में दर्ज कराई गई। उन्होंने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 468 की व्याख्या करते हुए कहा है कि यह मामला कालबाधित भी हो चुका है। अदालत ने बचाव पक्ष के इस कथन को भी स्वीकार किया है कि यह रिपोर्ट मौलाना कल्वे जवाद की ओर से वादी अल्लामा अमीर नकवी ने दर्ज कराया है। अल्लामा अमीर नकवी न तो पीड़ित पक्ष हैं और न ही उन्हें रिपोर्ट...
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