दिल्ली, अगस्त 11 -- समाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को देश की सर्वोच्च अदालत ने भी राहत नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के एलजी वी.के.सक्सेना की ओर से दायर 25 साल पुराने मानहानि मामले में कार्यकर्ता मेधा पाटकर की सजा को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और एन.कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने को इच्छुक नहीं है। शीर्ष अदालत की पीठ ने आगे कहा कि हालांकि याचिकाकर्ता के वकील की दलील पर विचार करते हुए लगाया गया 1 लाख वाला जुर्माना हटा दिया है। कोर्ट ने आगे कहा कि हम यह भी स्पष्ट करते हैं कि पर्यवेक्षण आदेश लागू नहीं होगा। उच्च न्यायालय ने 29 जुलाई को 70 वर्षीय पाटकर को दी गई सजा और दंड को बरकरार रखा था। सक्सेना ने यह मामला 25 साल पहले दायर किया था,जब वह गुजरात में एक गैर-सरकारी ...
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