धनबाद, मई 26 -- धनबाद, विशेष संवाददाता कोल कंपनियों को कोयला डिस्पैच के लिए अभी जोर लगाना होगा ताकि मानसून में पावर प्लांटों को कोयले की कमी नहीं हो। कोयला कंपनियों के पास स्टॉक में कोयले की कमी नहीं है। वैसे संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस बार मानसून जल्द दस्तक देने जा रहा है। यदि ऐसा हुआ तो कोयला ढुलाई पर असर पड़ना तय है। इसलिए कोल कंपनियों को जून मध्य तक ज्यादा जोर लगाना होगा। पिछले वित्तीय वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो मानसून सीजन में कोयले की ढुलाई में कमी आई थी। सबसे कम अगस्त (2024) महीने में प्रतिदिन औसतन 263.50 रैक कोयले की ढुलाई हुई थी। सिंतबर (2024) में भी कम ढुलाई हुई थी लेकिन अगस्त के मुकाबले कुछ ज्यादा। सितंबर में प्रतिदिन औसतन 279.80 रैक कोयले की ढुलाई हुई थी। वहीं सबसे ज्यादा कोयले की ढुलाई मार्च (2025) में प्रतिदिन औसतन...