नई दिल्ली, मई 6 -- - पीड़िता को साढ़े दस लाख रुपये मुआवजे का भी अदालत ने दिया आदेश नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। रोहिणी जिला अदालत ने मानसिक रूप से दिव्यांग 16 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म के मामले में व्यक्ति को 12 साल की कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा है कि बच्चों का यौन शोषण मानवता और समाज के खिलाफ अपराध है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर की अदालत 29 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ सजा पर बहस सुन रही थी। व्यक्ति को आईपीसी और पाक्सो अधिनियम की धारा छह (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत साल 2018 में दुष्कर्म करने के मामले में दोषी ठहराया गया था। अतिरिक्त लोक अभियोजक योगिता कौशिक दहिया ने तर्क दिया कि दोषी को कोई नरमी नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि उसने छह साल की बच्ची के बराबर बुद्धि वाली लड़की का यौन उत्पीड़न किया। अदालत ने आदेश में कहा कि बच्चों प...