गोपालगंज, अक्टूबर 7 -- 'मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व विषय पर व्याख्यान का आयोजन सूचना प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग को भी बताया गया कारगर हथुआ, एक संवाददाता। तेजी से हो रहे शहरीकरण, खनन, अनियंत्रित पर्यटन और जनजागरूकता की कमी जैसे कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष को बढ़ा रहे हैं। ये बातें गोपेश्वर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. अंजली गुप्ता ने राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह 2025 के अवसर पर माटी संस्था द्वारा आयोजित 'मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व विषयक विशेष ऑनलाइन व्याख्यान में कही। प्रो. गुप्ता ने मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारणों पर विस्तार से चर्चा की और कई व्यवहारिक उदाहरण पेश किए। उन्होंने बताया कि यदि मोबाइल अलर्ट सिस्टम, सोलर फेंसिंग, नियंत्रित पर्यटन, सांस्कृतिक जुड़ाव, सामुदायिक भागीदारी और जनजागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाए, तो सह-अस्तित्व की दिशा...