हमीरपुर, अक्टूबर 10 -- राठ, संवाददाता। उरई बस स्टैंड स्थित एक विवाह पैलेस में चल रहे सत्संग में उमाकान्त महाराज ने बताया कि यह मनुष्य शरीर किराये का मकान है। साँसों की पूंजी खत्म होने पर सबको एक दिन खाली करना पड़ेगा। सत्संग सुनाते हुए उमाकांत महाराज ने कहा कि यह देव दुर्लभ अनमोल मनुष्य शरीर केवल खाने-पीने, मौज-मस्ती करने के लिए नहीं मिला। मनुष्य शरीर का असली उद्देश्य जीते जी प्रभु को पाना है। श्मशान घाट पर शरीर को मुक्ति मिलती है आत्मा को नहीं। मौत को हमेशा याद रखो क्योंकि एक दिन सब की आती है। मरने के बाद जो काम आवे वह काम करना और वह दौलत प्राप्त करनी चाहिए। पैदा होने से पहले जो मां के स्तन में दूध भरता है, उस मालिक पर भरोसा करो, पेट के लिए ईमान और धर्म मत बेचो। जीवन का जो समय बचा है उससे अपनी आत्मा को जगा लो। आत्मा को मुक्ति परमात्मा के प...