अररिया, नवम्बर 8 -- जोगबनी, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। बिराटनगर के वार्ड 10 में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा पुराण महायज्ञ में कथावाचक आचार्य पंडित भास्कर महाराज कहा कि जीवन में हमेशा परोपकार की भावना जागृत रखें । मनुष्य का परम धर्म है कि वो ईश्वर तत्व को जानें। यदि मनुष्य का शरीर मिल भी गया है और उस शरीर का सदुपयोग नहीं किया गया तो वह मनुष्य पशुवत हो जाता है। क्योंकि आहार, निद्रा, भय और संतानोत्पत्ति यह तो मनुष्य जैसे करते हैं वैसे पशु भी करते हैं, किंतु मनुष्य में एक विशेष गुण है धर्म, जो पशु में नहीं पाया जाता है। मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो धर्म का आचरण करके जीवन की सार्थकता को प्राप्त कर सकता है। अर्थात धर्म को ग्रहण करके ईश्वर तत्व में प्रतिष्ठित होकर परम धर्म और परम मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। कहा कि समस्त जीव व मनुष्य क...