अमरोहा, जुलाई 3 -- पुलिस बल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने वाले पीआरडी जवानों की स्थिति होमगार्डों से भी ज्यादा खराब है। सर्दी हो या गर्मी, बारिश हो या धूप, ये जवान हर मौसम में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते हैं। यातायात व्यवस्था से लेकर सुरक्षा के हर मोर्चे पर बड़ी मुस्तैदी के साथ डटे रहते हैं। अफसरों के दफ्तरों से लेकर आवासों तक रात-दिन ड्यूटी बजाते हैं लेकिन काम के हिसाब से इन्हें न तो उचित मानदेय मिल रहा है और न ही सम्मान। हाल में सरकार ने मानदेय में 105 रुपये की जो बढ़ोत्तरी की है वह भी इन पीआरडी जवानों के लिए नाकाफी है। पहले इन्हें 395 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय मिल रहा था जो अब बढ़कर 500 रुपये प्रतिदिन हो गया है। वहीं, सेवा शर्तों में अनिश्चितता, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, और सरकारी आवास न मिलने के कारण इन पीआरडी जवानों की...