पूर्णिया, मार्च 22 -- पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता।मातृ स्वास्थ्य भारत में चिंता का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बना हुआ है। विशेष रूप से पूर्णिया, बिहार जैसे ग्रामीण और अर्ध शहरी जिलों में मातृ और शिशु स्वास्थ्य में सुधार के उद्देश्य से विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य पहलों के बावजूद, अपर्याप्त प्रसव पूर्व देखभाल (एएनसी) प्रमुख स्वास्थ्य संकेतकों की कम रिपोर्टिंग और सरकारी कार्यक्रमों में निजी स्वास्थ्य सुविधाओं की अपर्याप्त भागीदारी जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के पूरक के रूप में निजी स्वास्थ्य चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका को संबोधित करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया की अध्यक्षता में निजी चिकित्सकों की एक व्यापक बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य मातृ स्वास्थ्य परिणामो...