वाराणसी, सितम्बर 16 -- वाराणासी, मुख्य संवाददाता। पितृपक्ष की नवमी की तिथि पर वंशजों ने पूर्वजों में शामिल मातृशक्ति के प्रति अपनी श्रद्धा श्राद्ध के माध्यम से निवेदित की। पिता पक्ष के लिए दादी, बुआ और मातृ पक्ष से नानी, मौसी, मामी के निमित्त तर्पण-पिंडदान सोमवार को किए गए। देश के विभिन्न प्रांतों से आए पिशाचमोचन कुंड पर सुबह से तर्पण और श्राद्ध का क्रम जारी रहा। कुंड के पिशाचेश्वर स्थान के आसपास एक बार में सौ से अधिक बेदियों पर त्रिपिंडी श्राद्ध कराया जा रहा था। पं. प्रदीप कुमार पांडेय के मुख्य आचार्यत्व में तीन सौ से अधिक पुरोहितों ने कर्मकांड कराया। सूर्योदय के समय आरंभ हुआ श्राद्ध का क्रम सूर्यास्त के बाद तक जारी रहा। कई कर्मकांडियों ने चार-चार पालियों में विधान पूर्ण कराए। पिशाच मोचन तीर्थ के अन्य घाटों पर भी सुबह से शाम तक पिंडदान क...