नई दिल्ली, सितम्बर 14 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने पैतृक संपत्ति विवाद के एक मामले में बेहद महत्वपूर्ण फैसला देते हुए याचिकाकर्ता महिला को करारा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पोता या पोती अपने माता-पिता के जीवित रहते दादा-दादी की संपत्ति में हिस्सेदारी के लिए दावा नहीं कर सकते। जस्टिस पुरुषेन्द्र कुमार कौरव की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अपने इस आदेश के साथ याचिकाकर्ता कृतिका जैन की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने अपने पिता राकेश जैन और चाची नीना जैन के खिलाफ दिल्ली की एक संपत्ति में एक चौथाई हिस्सेदारी मांगी थी।संपत्ति में हिस्सेदारी का दावा कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं हाईकोर्ट ने कहा कि कृतिका का दावा कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है, क्योंकि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के मुताबिक, संपत्ति केवल दादा की विधवा पत्नी और संता...