गिरडीह, अप्रैल 18 -- भरकट्टा, प्रतिनिधि। मनुष्य के जीवन की जो भी कामना हो वह माता-पिता की सेवा से प्राप्त करना संभव है। उक्त बातें बुधवार रात पेशम पंचायत के सूईयाडीह में आयोजित नौ दिवसीय महायज्ञ में चित्रकूटधाम से पधारे जगद्गुरु धीरेन्द्राचार्य ने कही। उन्होंने राम बनवास के प्रसंग को बड़े ही प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रभु राम अगर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के रूप में जाने गए तो यह उनके माता-पिता की कृपा के कारण ही संभव हुआ। इसी संदर्भ में "चारि पदारथ करतल ताके, प्रिय पितु मात प्राण सम जाके की सप्रसंग व्याख्या उन्होंने की। वहीं यज्ञाचार्य डॉ.विनोद कुमार उपाध्याय "भागवत मधुरेश " एवं उपाचार्य पं किशोर कुमार उपाध्याय के कुशल संयोजन में संपन्न हो रहे यज्ञ में संचालन मुखिया टुपलाल वर्मा ने किया।
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