गया, जून 8 -- आज के आधुनिक भारतीय समाज में माता-पिता और बच्चे के रिश्ते बहुत तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं। हालांकि वर्तमान की चुनौतियों का सामना करते हुए बच्चे अपनी पढ़ाई, रोजगार (नौकरी), वेतन पैकेज, संपत्ति के मामले में बहुत मेहनत कर रहे हैं, लेकिन जब शादी कर घर बसाने की बात आती है तो वे आम तौर पर अपने माता-पिता के फैसले से असहमत होते हैं। ऐसे में माता-पिता को लगता है कि वे उनके नियंत्रण से बाहर हैं। उक्त वक्तव्य प्रो योगेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी, अध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग, के. एस. साकेत पी.जी. कॉलेज, अयोध्या ने दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के समाजशास्त्रीय अध्ययन विभाग द्वारा ''वैश्विक युग में बदलते परिवार और विवाह'' विषय पर आयोजित व्याख्यान में दिया। उन्होंने कहा कि समाज के वर्तमान परिदृश्य के अध्ययन करने पर यह न...
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