मोतिहारी, फरवरी 23 -- संग्रामपुर, निसं। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को आयोजित होने वाला महाशिवरात्रि कोई साधारण मूहूर्त नहीं है। बल्कि यह माता पार्वती व भगवान शिव के मिलन यानि शुभ विवाह की रात्रि है। इसलिए इसे शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इसी दिन जगत का कल्याण करने के लिए और पापियों के संहार के लिए शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। उक्त बातें शनिवार को ऋषिकुल आश्रम संस्कृत उपशास्त्री महाविद्यालय में शिवरात्रि की तैयारी को लेकर आयोजित संगोष्ठी में उपस्थित छात्रों व अभिभावकों को संबोधित करते हुए दैनिक शिक्षक सह आचार्य मुकुल मनोहर पाण्डेय ने कही। आचार्य ने बताया कि शिवरात्रि सनातन धर्मियों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण माना गया है। शिवरात्रि पर शिवानूरागी शिव भक्त पूरे श्रद्धा विश्वास से शिवालयों में जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक के साथ साथ ...