जामताड़ा, अप्रैल 3 -- माता के कुष्मांडा एवं स्कंदमाता स्वरूप की एक साथ हुई पूजा जामताड़ा। प्रतिनिधि चैत्र नवरात्र के चौथे दिन माता कुष्मांडा की पूजा होती है। लेकिन तिथि के क्षय होने के कारण बुधवार को चतुर्थी एवं पंचमी एक साथ पड़ने के कारण माता के कुष्मांडा स्वरूप के साथ-साथ पंचम स्वरूप स्कंद माता की भी भक्तों ने पूजा अर्चना की। पूरे विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं और भक्तों ने माता के दोनों स्वरूप की पूजा अर्चना कर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित होता है। यह देवी जगत की सृजनकर्ता मानी जाती हैं। कहा जाता है कि जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब मां कूष्मांडा ने अपनी मधुर मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की। उनकी उपासना से जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है। मां कूष्मांडा अष्टभुजा धारी हैं औ...