नई दिल्ली, नवम्बर 1 -- अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजाने वाले और आदिवासी समाज में जागरूकता फैलाने वाले धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा का प्रखंड है अड़की। मगर आधुनिक विकास की दौड़ में यह इलाका लगातार पीछे ही रहा। खूंटी (झारखंड) जिले के इसी प्रखंड में लादू मुंडा भी पैदा हुए। उनके गांव का नाम है मदहातू। मदहातू में कोई स्कूल न था। लिहाजा, वहां से कुछ दूर स्थित तुबिल स्कूल से लादू ने आठवीं तक पढ़ाई की। इससे आगे पढ़ने का कोई इंतजाम आस-पास के गांवों में नहीं था। मजबूरन पढ़ाई छूट गई। यह वह दौर था, जब खूंटी और उसके आस-पास माओवादी संगठन अपनी पकड़ मजबूत बना चुके थे। बात साल 2009 के आस-पास की है। मदहातू में कुंदन पाहन का दस्ता आने लगा था। कुंदन को तब झारखंड के सबसे बड़े माओवादी नेताओं में गिना जाता था। गांव-गांव में माओवादी जन-सुनवाई किया करते और ...