शामली, मार्च 10 -- माहे रमजान के 8वे रोजे को मुस्लिमों ने रोजा रखा और मस्जिदों में नमाज अदा कर देख में अमन चैन की दुआ मांगी। देर शाम मस्जिदों में तराविह हुई, जहां ब्यान करते हुए मुस्लिमों ने खुदा और उसके रसूल के बताए गए रास्तों पर चलने का आहवान किया। साथ ही मां-बाप से बेहतर सलूक रखने की भी हिदायत की दी गई। रविवार को माहे रममान के 8वे रोजे की फजीलत बताते हुए नूरदीन अली ने कहा कि किसी को अल्लाह के साथ शरीक नहीं ठहराना चाहिए। अपने मां-बाप के साथ बेहतरीन सल्लू करना चाहिए। मां बाप की खितमत करने से अल्लाह खुश होते है। अपनी औलाद को भूख के डर से क़त्ल नहीं करना चाहिए। दुनिया में लोग भुखमरी और गरीबीं से परेशान होकर आत्महत्या पर बच्चों का कत्ल कर देते है। खुदा पर भरोसा रखे, जिसने पैदा किया है वही पालने वाला है। यतीम के माल को नाजाइज़ तरीक़े से इस्तेमा...
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