नई दिल्ली, मई 27 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। एक मां की बेटे के प्रति बेइंतहा मोहब्बत और बलिदान की कहानी ने नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (आईएलबीएस) में इतिहास रच दिया। 60 साल की शिमला बाई ने अपने बेटे विजय को न सिर्फ जन्म दिया, बल्कि तीसरी बार उसे जीवनदान देकर एक अनोखा उदाहरण पेश किया। शिमला बाई ने 1997 में बेटे विजय को जन्म दिया। साल 2015 में उन्हें बेटे को लिवर की गंभीर बीमारी होने का पता चला, तो बिना कुछ सोचे अपने लिवर का एक हिस्सा दान कर दिया। आईएलबीएस में हुई इस सफल सर्जरी ने बेटे को लगभग एक दशक तक स्वस्थ जीवन जीने का मौका दिया, लेकिन नियति ने फिर चुनौती पेश की। बेटे विजय की किडनी खराब हो गई और उसे नियमित डायलिसिस की जरूरत पड़ी। इस बार भी मां ने हार नहीं मानी। हैरानी की बात यह थी कि पहले लिवर दान करने के बा...