सहरसा, सितम्बर 28 -- सिमरी बख्तियारपुर (एक संवाददाता) :- जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर, अनुमंडल मुख्यालय से आठ किलोमीटर एवं बनमा ईटहरी प्रखंड मुख्यालय से चार किलोमीटर से दूर महारस स्थित मां कात्यायनी मंदिर का गौरवशाली इतिहास रहा है। मां दुर्गा के छट्ठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमर परती हैं। मां कत्यायनी का स्वरूप तंत्र सिद्धि के लिए भी जानी जाती हैं। सुबह से ही पुजा अर्चना प्रारंभ हो जाती हैं और रात्रि में विशेष अर्चना होती है। मंदिर प्रशासन की तरफ से भव्य पंडाल का निर्माण किया जाता है। मंदिर प्रांगण में कथावाचक के द्वारा दुर्गा पाठ भी किया जा रहा है। यहां एक हाथ छोड़ मां कात्यायनी का पूरा शरीर विराजमान है। राक्षस के द्वारा काटा गया मां का एक हाथ धामारा स्थित मां कात्यायनी मंदिर में है। मंदिर ...