बरेली, फरवरी 25 -- भक्त प्रह्लाद की माता जब गर्भवती थी, तब नारद जी ने उन्हें सत्संग और भक्ति का ज्ञान दिया था। मां के विचार और आचरण संतान पर प्रभाव डालते हैं। महिलाओं को अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने के लिए धार्मिक और नैतिक शिक्षा का पालन करना चाहिए। महिलाओं को परिवार और समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए सहनशीलता रखना आवश्यक है। यह बातें सुदृढ़ शक्ति फाउंडेशन द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में व्यास आचार्य विमल कृष्ण महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने परिवार को अज्ञात्मिक मार्ग पर चलने और सद्गुणों से भरपूर वातावरण देने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। प्रह्लाद ने भगवान की भक्ति की और सभी स्थिति में उनका स्मरण किया। महिलाओं को भी अपने परिवार के साथ ईश्वर भक्ति और सत्संग को प्राथमिकता देनी चाहिए। संघर्षों से हिम्मत नहीं हारना च...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.