गाजीपुर, जुलाई 5 -- पतार, हिन्दुस्तान संवाद। स्थानीय गांव में आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक व्यास अखिलेश उपाध्याय द्वारा गोकर्ण महाराज और धुंधकारी के चरित्र पर प्रकाश डाला गया। इस दौरान कथावाचक ने कहा कि सद्चरित्र चरित्र आचरण वाला व्यक्ति विख्यात होता है और दुष्ट विचार चरित्र वाला व्यक्ति कुख्यात होता है। कहा कि चरित्र का निर्माण मां के गर्भ से शुरू हो जाता है। इसके बारे में अनेक दृष्टांत हमारे सामने हैं जिसमें अभिमन्यु द्वारा चक्रव्यूह तोड़ने संबंधी ज्ञान का होना। माताएं जन्म से लेकर किशोर अवस्था तक बच्चों को अच्छा संस्कार और दिशा निर्देश देती है तो भविष्य में चलकर वह बच्चा अपने साथ-साथ घर परिवार कुल की मर्यादा को आगे ले जाता हैं। अगर उसमें गलत आचरण विचार आ जाता है तो वह अपने साथ-साथ कुल की मर्यादा को खत्म कर देता है। गोकर्ण महार...