पीलीभीत, सितम्बर 21 -- पीलीभीत। श्री राधा माधव संकीर्तन मंडल के द्वारा श्री राधा रमन मंदिर में आयोजित सप्त दिवसीय श्री राम कथा के अंतिम दिन कथा व्यास पंडित बृजेश पाठक ने कहा कि बालक के निर्माण में माता का बहुत बड़ा हाथ होता है। वह अपने बालक को जैसा चाहे बन सकती है क्योंकि वह अपने बालक की प्रथम गुरु होती है। उन्होंने कहा माता की गोद ही बालक की प्रथम पाठशाला होती है। जहां बालक पहली बार बोलना सीखना है। अतः माता का कर्तव्य है वह अपने बालक को शुभ संस्कार दें, भगवान की ओर प्रेरित करें ,उन्हें भगवत भक्ति की प्रेरणा दें। हमारे इतिहास में ऐसी माताएं हुई है जिन्होंने अपने मातृत्व की रक्षा की है और अपनी संतान को भगवान की भक्ति भाव और उनकी सेवा की प्रेरणा प्रदान की। भक्त ध्रुव की माता सुनीत, चैतन्य महाप्रभु की माता शची एवं लक्ष्मण की माता सुमित्रा यह...