टिहरी, सितम्बर 29 -- शारदीय नवरात्रि पर माता की पूजा-अर्चना के लिए सातवें दिन मंदिरों में भक्तों व श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सुबह से मंदिरों में घंटियां बजती रहीं। सातवें दिन माता के कालरात्रि स्वरूप की पूजा-अर्चना कर भक्तों ने सुख-समृद्धि की कामना की। माना जाता है कि मां कालरात्रि ग्रह बाधाओं को दूर करती हैं। मां कालरात्रि दुष्टों का नाश करने वाली हैं। उनके महाभयानक गुणों से राक्षस व दुष्ट दूर भागते हैं। जबकि भक्तों पर माता की खासी कृपा होती है। मां कालरात्रि रूप में मां का स्वरूप काला और बाल बिखरे हुये हैं। तीन नेत्र व चार भुआओं वाली माता कालरात्रि सुख समृद्धि की दात्री है। सप्तमी तिथि का विशेष महत्व दुर्गापूजा में है। इस दिन देवी का द्वार भक्तों के खुला रहता है। मां कालरात्रि की पूजा में जागरण का विशेष महत्व बताया गया है। मां कालरा...
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