लखनऊ, अक्टूबर 9 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता प्रदेश में अब प्रसव के 24 से 48 घंटे के भीतर और डेढ़, ढाई व साढ़े तीन महीने पर सभी धात्री महिलाओं के हीमोग्लोबिन की जांच की जाएगी। जांच का परिणाम मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड पर दर्ज किया जाएगा और जरूरत के मुताबिक एनीमिया दूर करने के लिए इलाज होंगे। परिवार कल्याण महानिदेशक डॉ. पवन कुमार अरुणा ने इस संबंध में सभी जिलों को आदेश जारी कर दिए हैं। डॉ. अरुणा ने बताया कि प्रदेश की लगभग 58 प्रतिशत धात्री महिलाएं एनीमिया से प्रभावित हैं। लिहाजा इस संबंध में प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी स्वास्थ्य इकाइयों व एएनएम के पास डिजिटल हीमोग्लोबिनोमीटर उपलब्ध हैं, जिससे जांच में पारदर्शिता और त्वरित परिणाम सुनिश्चित होंगे।

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