गोरखपुर, अप्रैल 5 -- गोरखपुर। मनीष मिश्र हादसे में पैर की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो जाने पर दूसरी जगह से मांसपेशियों को काटकर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पैर में बची हुई मांसपेशियों को ही खींचकर क्षतिग्रस्त जगह पर सेट कर दिया जाएगा। इसमें खून की धमनियों को नहीं काटना पड़ता है। इस विधा से सर्जरी में घाव जल्दी भरते हैं और संक्रमण की आशंका भी कम होती है। इसे लोकल फ्लैप सर्जरी कहते हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज की यह रिसर्च अमेरिकन मेडिकल जर्नल क्यूरियस में प्रकाशित हुई है। प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज नाथानी ने यह रिसर्च 30 मरीजों पर की। इसमें 22 मरीजों के पैर की मांसपेशियां सड़क हादसे में क्षतिग्रस्त हुई थीं। इस दौरान उनके पैर की हड्डी भी टूटी थी। जबकि आठ मरीजों के पैर की मांसपेशियां जलने के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थी। खास बात यह कि...